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    हिंडनबर्ग रिपोर्ट कार्रवाई का आधार नहीं, पूर्व सेबी प्रमुख को लोकपाल से मिली क्लीन चिट

    Madhabi Puri Buch

    भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल ने सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को क्लीन चिट दे दी है। लोकपाल ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर बुच के खिलाफ दर्ज शिकायतों को खारिज करते हुए आरोपों को बेबुनियाद और महत्वहीन करार दिया। लोकपाल ने कहा कि ये आरोप केवल अनुमान पर आधारित थे और इनके समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं था, इसलिए मामले की जांच की जरूरत नहीं समझी गई।

    लोकपाल ने बुधवार को कहा कि माधबी पुरी बुच के खिलाफ बीते साल दर्ज की गई सभी शिकायतें मूल रूप से एक शॉर्ट सेलर ट्रेडर की रिपोर्ट पर आधारित थीं। जिसका उद्देश्य अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज को बेनकाब करना या उन्हें घेरना था।

    हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आधारित आरोप अनुमानित और अप्रमाणित

    लोकपाल अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय पीठ ने आदेश में कहा कि शिकायतों में लगाए गए आरोप अनुमानों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इनके एवज में किसी भी तरह के सबूत नहीं है। ऐसे में इन आरोपों पर किसी भी तरह की जांच का निर्देश नहीं दिया जा सकता। इस संबंध में पहले के आदेश का हवाला देते हुए लोकपाल ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बुच के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाने का एकमात्र आधार नहीं बनाया जा सकता।

    आदेश में यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता इस स्थिति से अवगत हैं। उन्होंने रिपोर्ट से प्रभावित होकर आरोप लगाने का प्रयास किया। लेकिन हमारे द्वारा आरोपों के विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकला कि वे अपुष्ट, अप्रमाणित और तुच्छ हैं।

    बता दें कि पूर्व सेबी प्रमुख के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने बीते साल 13 सितंबर को लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही यह मांग की थी कि इस मामले की प्रारंभिक जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को भेजा जाएगा।  महुआ मोइत्रा के अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी इस मामले में शिकायत की थी। 

    हिंडनबर्ग ने मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी में निवेश को लेकर लगाए थे गंभीर आरोप, बुच दंपति ने किया खंडन

    10 अगस्त, 2024 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक ऑपर्चुनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि इसी कंपनी में गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। आरोप था कि इस पैसे का इस्तेमाल ही शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया। हालांकि, बुच और उनके पति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि हिंडनबर्ग ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए यह हमले किए हैं। 

    गौरतलब है कि  दो मार्च, 2022 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख के रूप में पदभार संभालने वाली बुच ने अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद इस साल 28 फरवरी को पद छोड़ दिया था।

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