भारत में UPI अब केवल एक ऑनलाइन पेमेंट माध्यम नहीं, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इसकी शुरुआत के बाद से ही इसके इस्तेमाल में लगातार तेजी देखी गई है। हाल ही में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि सरकार यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की योजना बना रही है। खास तौर पर यह दावा किया गया था कि 3000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू किया जा सकता है। हालांकि, अब इस मुद्दे पर सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि साल 2020 से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीरो एमडीआर की नीति लागू है।
सरकार की सफाई: UPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा, अफवाहों से बचें
Also Read : संभलना होगा! औसत से 17 गुना तेजी से पिघली ग्रीनलैंड की बर्फ- जानिए खतरनाक क्यों
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की अटकलों के बीच आधिकारिक बयान जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर लगाए जाने के दावे और अटकलें पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों में अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं। सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि यूपीआई से आप जितना मर्जी उतना लेनदेन करें, इस पर किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लगाया जा रहा है।
एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 10 जून को यूपीआई से कुल 634.29 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जिसके जरिए कुल 91,838.53 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। जून महीने के शुरुआती 10 दिनों में कुल 6346.42 मिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए हैं, जिनके जरिए कुल 8,98,111.14 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। बताते चलें कि देश के आम लोगों के बीच ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के रूप में बड़े पैमाने पर यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है। यूपीआई ने प्रमुख बैंकिंग ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम आईएमपीएस को काफी पीछे छोड़ दिया है।
Also Read : ISRO प्रमुख ने शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन को टालने के फैसले को बताया सही कदम
[…] […]