BSF: 504 घंटे में पाकिस्तान से जवान की रिहाई, 6 फ्लैग मीटिंग और 84 सीटी के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से 23 अप्रैल को पकड़े गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया। पाकिस्तान रेंजर्स ने कॉन्स्टेबल को सुबह 10:30 बजे बीएसएफ के हवाले किया. बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से और सभी निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी की गई.
Also Read: उत्तर प्रदेश: शादी से पहले दुल्हन की हत्या, आशिक का जुनूनी कदम
पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू की बुधवार को रिहाई हो गई। वे सकुशल भारत लौट आए हैं. साहू की सुरक्षित रिहाई के लिए बीएसएफ ने लगातार प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप 504 घंटे बाद उनकी रिहाई संभव हुई. इस प्रक्रिया के दौरान छह से अधिक फ्लैग मीटिंग्स हुईं और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 84 बार सीटी बजाई गई. इसके अलावा, सीओ लेवल की मीटिंग्स के साथ-साथ बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के शीर्ष अधिकारियों के बीच भी बातचीत हुई.
Also Read: दिल्ली: रोहिणी में युवक की गोली मारकर हत्या, हमलावरों ने दागी 7-8 गोलियां
BSF जवान की 504 घंटे बाद रिहाई, पाकिस्तानी रेंजर्स से जारी रहे प्रयास और फ्लैग मीटिंग्स
बीएसएफ जवान 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे. जवान की सुरक्षित रिहाई के लिए बीएसएफ द्वारा निरंतर प्रयास किए गए. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर बीएसएफ ने रोजाना तीन से चार बार सीटी बजाकर या झंडा दिखाकर पाकिस्तानी रेंजर्स को बातचीत का सिग्नल भेजा। इसके अलावा, कई फ्लैग मीटिंग्स भी आयोजित की गईं. सूत्रों के मुताबिक, जवान की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास किया गया और यह साफ हो गया कि पाकिस्तानी रेंजर्स के लिए बीएसएफ जवान को लंबे समय तक अपने कब्जे में रखना संभव नहीं था.
Also Read: ‘सबको युवा कप्तान चाहिए…’, टेस्ट से संन्यास के तुरंत बाद रोहित शर्मा का बयान वायरल