भारत ने पहलगाम हमले का करारा बदला लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकियों के नौ ठिकानों पर निशाना साधा है। इस कार्रवाई में कई आतंकी अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। भारत की इस जवाबी कार्रवाई ने देशभर में जोश भर दिया है। खासतौर पर क्रिकेट जगत में इसका असर देखने को मिला, जहां भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर और पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारतीय सेना की वीरता की सराहना की है।
गंभीर ने ट्वीट करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर साझा की। इसके कैप्शन में उन्होंने ‘जय हिंद’ लिखा। वहीं, रैना ने भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। उन्होंने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तस्वीर साझा की और ‘जय हिंद’ लिखा। वहीं, भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘धर्मो रक्षति रक्षितः। जय हिंद की सेना।’ इसका अर्थ है जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।
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यह कार्रवाई क्यों अनिवार्य थी?
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ। उसमें 25 पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत इसका जवाब देगा। इसके बाद 29 अप्रैल को सेना के तीनों प्रमुखों, सीडीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जवाब किस तरह होगा और कब होगा, यह तय करने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। इसके बाद यह तय हो गया था कि भारत जल्द कार्रवाई करेगा।
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भारत ने कहां जवाबी हमला किया?
पहलगाम हमले में आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी थी। हमले के 15 दिन बाद 6 और 7 मई की दरमियानी रात यह कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, दोनों के अंदर ऐसी जगहों पर हुई, जहां आतंकियों के ठिकाने मौजूद हैं। कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया।
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इस मिशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम क्यों दिया गया?
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम स्थित पर्यटक स्थल पर आतंकियों ने गोलियां बरसाई थीं। इन आतंकियों ने लोगों से धर्म पूछा था। हिंदू पुरुषों को अलग किया और उनके परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी। हमले में कई महिलाओं ने अपने पति को खोया। इनमें से कुछ महिलाओं की कुछ ही दिन पहले शादी हुई थी और वे पति के साथ पर्यटन के लिए पहलगाम आईं थीं। इस हमले में जिन महिलाओं के माथे का सिंदूर छिन गया, उन्हीं के सम्मान में एक संदेश देने के लिए भारत ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया।