भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर तकनीकी कारणों से टाल दिया गया है. यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में दी. यह मिशन भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था. हालांकि, यह पांचवीं बार है जब NASA और ISRO की साझेदारी में हो रहा यह प्राइवेट स्पेस मिशन स्थगित किया गया है.
यह मिशन एलन मस्क की कंपनी SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन यान के माध्यम से पूरा किया जाना था। SpaceX ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी खराबी के चलते मिशन को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए स्थगित करना पड़ा। फिलहाल लॉन्च की नई तारीख तय नहीं की गई है.
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उड़ान फिर टली
अंतरिक्ष में दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजकर भारत बड़ी छलांग लगाने को तैयार है लेकिन उसे रॉकेट फाल्कन-9 की पूरी तरह से मरम्मत होने तक थोड़ा और इंतजार करना होगा. यह बहुत स्पष्ट है कि भारत की अंतरिक्ष एजेंसी, ISRO ने यह सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाई कि जब तक ISRO की पूर्ण संतुष्टि तक SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट पर हो रहे लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव ठीक नहीं हो जाता, तब तक लॉन्चिंग स्थगित कर दिया जाए.
इसरो के अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने एनडीटीवी से कहा है कि शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन को स्थगित करना एक अच्छा निर्णय है. डॉ वी नारायणन, जो एक लिक्विड इंजन एक्सपर्स हैं, ने एनडीटीवी को बताया, “Axiom और SpaceX के विशेषज्ञों के साथ इसरो टीम द्वारा इस विषय पर चर्चा के आधार पर, रिसाव को ठीक करने और लॉन्च के लिए मंजूरी देने से पहले आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है. आवश्यक सत्यापन करने पर जोर इसरो की रॉकेट उड़ान संस्कृति की खासियत है.”
ISRO प्रमुख डॉ. नारायणन, क्रायोजेनिक इंजन विशेषज्ञ, Axiom-4 मिशन की निगरानी के लिए कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा में मौजूद हैं. भारत ने विशेषज्ञों की दो टीमों को अमेरिका भेजा है और SpaceX व Axiom के साथ चर्चा जारी है.
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