तीन दिन बाद देशभर में सोशल मीडिया पर योगा पोज़ वाली तस्वीरों की बाढ़ आने वाली है। #योगदिवस ट्रेंड करेगा, और हर कोई योग की अहमियत को लेकर पोस्ट करता नजर आएगा। हालांकि हकीकत ये है कि आज भी बहुत से लोगों की दिनचर्या में Yoga शामिल नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग को प्रमोट करने की होड़ जरूर लगती है, लेकिन इसका असली लाभ केवल दिखावे से नहीं, नियमित अभ्यास और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने से ही मिलता है।
रोज़मर्रा के Yoga अभ्यास की कमी, लेकिन असरदार नतीजे
आयुष मंत्रालय की एक स्टडी बताती है कि पिछले 10 वर्षों में योग ने 38% लोगों को तनाव और मोटापे से छुटकारा दिलाने में मदद की। करीब 15% लोगों की पेट से जुड़ी गंभीर समस्याएं भी योग के जरिये ठीक हुईं। वहीं, 25% प्रतिभागियों ने माना कि योग से उनकी फिजिकल एक्टिविटी में इज़ाफा हुआ है। ये आंकड़े उस समय के हैं, जब देश के 60% लोग अभी भी सही तरीके से योग करना नहीं जानते।
जब रोजाना योग अभ्यास की बात आती है, तो तस्वीर कुछ निराशाजनक नजर आती है। देश में सिर्फ 11% लोग ही नियमित रूप से योग करते हैं, जबकि 14% लोग कभी-कभार योग कर लेते हैं। यानी, 75% से ज्यादा भारतीयों ने कभी योग को अपनाया ही नहीं। इसका सीधा मतलब यह है कि योग की पहुंच अभी केवल एक चौथाई आबादी तक ही सीमित है। इसके बावजूद, योग का स्वास्थ्य पर 38% तक सकारात्मक प्रभाव रहा है, जो बताता है कि यदि इसे रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाया जाए, तो इसके फायदे कई गुना ज्यादा हो सकते हैं।